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Kota (RJ) – Alvida Tanav Shivir by BK Poonam Behen

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बुलंद हौसले का साथ देती है किस्मत/ कोशिश करें तो आसमान में भी हो सकता है सूराख। दृढ़ इच्छा शक्ति से जीवन की हर लड़ाई को जीता जा सकता है।

अगर उल्लंघन के लिए रेखाएं नहीं होती, जीतने के लिए बाधाएं नहीं होती, पार करने के लिए सीमाएं न होती, तो मानव जीवन में पुस्कार की तरह आने वाले आनन्द के अनुभव में कमी अवश्य आ जाती। संसार में जितने भी महापुरूष हुए है, उन्होनें स्वयं के बल पर ही प्रगति की। आत्मबल एवं आत्मविश्वास के सहारे ही उन्होनें उपलब्धियों के कीर्तिमान रचे। मंजिल स्वयं के कदमों से चलकर ही प्राप्त की जाती है, कोई दूसरा व्यक्ति आपकी यात्रा पूरी नहीं करेगा। इसलिए गीता का आव्हान किया है मनुष्य, अपना उत्थान आप करों। मानव जीवन के लिए यह एक दिव्य मंत्र है।

यह बात आज देश की प्रख्यात तनाव मुक्ति विशेषज्ञा ब्र. कु0 पूनम बहन ने अलविदा तनाव शिविर में मनोबल कैसे बढ़ाया जा जाए विषय पर कही। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए पूनम बहन ने कहा कि दृढ़ता ही सफलता की चाबी है। दृढ़ संकल्प की शक्ति के आगे जीवन के सारे विध्न धराशयी हो जाते है। मनुष्य के भीतर ही उसका भाग्य छिपा रहता है। दृढ़ संकल्प वाले उस छिपे हुए भाग्य को बाहर ले आते है। कहते है इरादे बुलंद हो तो पैरो तले होता है हिमालय। हौसला हो तो तूफान भी घूटने टेक देते है। जीत के लिए जोखिम उठाना पड़ता है। जिन्होनें जोखिम उठाया है वो व्यक्ति सिकन्दर, नेपोलियन और गांधी बनकर इतिहास के पन्नों को रोशन कर गए है। आप जितने भी महान लोगों की जीवनियों का विश्लेषण करेगें तो पता चलेगा कि उनके जीवन में अनुकूल परिस्थितियों की जगह प्रतिकूल परिस्थितियाँ ज्यादा रही। इन लोगों ने हमेशा प्रतिकूलता में अनुकूलता को ढूँढ़ निकाला। अब्राहम लिंकन ने हमेशा असफलताओं का सामना करा पर अंत में वे अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए। प्रसिद्ध दार्शनिक सुकरात का जीवन घोर पारिवारिक तकलीफों में बीता परन्तु उन्होनें जीवन में कभी हार नहीं मानी और विश्व को एक नया दर्शन दिया। महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में रहकर विपत्तियों का सामना किया और विपत्तियां आगे जाकर उनकी ताकत बन गई।

साधारण व्यक्तियों के लिए असफलता जहां दुखदायी होती है, वहीं असाधारण लोग असफलता से हताश होने के बजाय उसे चुनौती के रूप में स्वीकार करते है। ऐसे लोग अपनी असफलताओं से प्रेरणा लेते है और उसमें भी नई राहें खोज लेते है। हमारी असफलताएं चिरकालीन नहीं है उमें कहीं न कहीं हमारी बेहतरी और सफलता के बीज छिपे होते है।

ब्र. कु. पुनम बहन ने आत्मविश्वास का महत्व बताते हुए कहा कि जब संसार में सभी साथ छोड़ दे, हार और पीढ़ाएं घायल कर दें, पैंरो के नीचे से सभी आधार खिसक जाएं, जीवन के अंधकारयुक्त पथ पर व्यक्ति अकेला पड़ जाए। तब भी वह जीवित रह सकता है यदि उसका आत्मविश्वास प्रबल है तो तनाव का सबसे बड़ा करण कि आज हर व्यक्ति दूसरे को बदलना चाहता है। हम चाहते है कि दूसरे सब बदल जाए पर मैं न बदलू। हमारे स्वभाव-संस्कार, भावनाएं नकारात्मक दृष्टिकोण ही हमारे मार्ग में बाधाएं बनकर खडे़ रहते है। जरूरत है इन्हंे परिवर्तन करने की। हम जानते भी है, मानते भी है कि अगर हमारे जीवन से इन बातों का परिवर्तन हो जाता है तो हमारा जीवन भी सुन्दर एवं सरल बन जाता है। हम सबके प्रति शुभ भावना रखे, प्रतिकूलता में भी अनुकूलता देखे, दुख में भी सुख खोजे, जीवन के भरे हिस्से को देखें एवं सबका कल्याण हो यहीं भावना रखे। यह सब परिवर्तन लाने के लिए बहुत सुन्दर मेडिटेशन के अभ्यास के द्वारा साधकों को दृढ़ प्रतिज्ञा करवाई कि ‘‘कोई बदले या न बदले आज से हम अपनी भावनाएं, विचार, स्वभाव, संस्कार, दृष्टिकोण सभी में सकारात्मक परिवर्तन लाएंगे।‘‘

सभी साधकों ने आज शिविर स्थल पर ही अग्नि को साक्ष्य मानकर इस प्रतिज्ञा को अपने अन्तरःकरण में एकदम समा लिया। जैसे-जैसे प्रतिज्ञा दोहराई जा रही थी सम्पूर्ण पाण्डाल को परिवर्तन की लहर ने अपनी बाहों में समा लिया। इसके साथ ही युवा साथियों ने परिवर्तन की मशाल को लेकर सारे पाण्डाल का चक्र लगाया, मानों वह अपनी प्रतिज्ञा को बार-बार पक्का कर रहे हो एवं इसके पश्चात् गुंज उठा परिवर्तन। चारों तरफ से घण्टे, घटियाल की आवाज भी मानों कर रही थी परिवर्तन, परिवर्तन, परिवर्तन। इस तरह उमंग व जोश के साथ मनाया गया ‘‘परिवर्तन महोत्सव‘‘। साधकों के चेहरे स्पष्ट बता रहे थे कि अब तक जो नहीं कर पाए आज हमने परिवर्तन कर लिया। वे धन्य-धन्य हो गए।
शिविर के चौथे दिन यह आलम था कि जन सैलाब निरन्तर बढ़ता ही जा रहा है। साधकगण शिविर के दस मिनट पूर्व ही अपना स्थान ग्रहण कर लेते है। शिविर में कल का विषय है, ‘‘कर्मक्षेत्र पर कर्म करते हुए तनावमुक्त कैसे रहे?‘‘ शिविर में कल कराई जाएगी ब्रह्माण्ड की सैर‘‘।

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Tilak to Lok Sabha Speaker Shri Om Birla Ji

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Kota (RJ)- भाई दूज पर ब्रह्माकुमारी बहनों ने लोकसभा स्पीकर भ्राता ओम बिरला जी को तिलक लगाया तथा दीपावली की बधाई दी -On Bhai Dooj, Brahma Kumaris sisters applied tilak to Lok Sabha Speaker Shri Om Birla ji and congratulated him on Diwali.

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लोकसभा अध्यक्ष को राखी बांधते हुए -Tying Rakhi to Lok Sabha Speaker

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लोकसभा अध्यक्ष भ्राता ओम बिरला को राखी बांधते हुए बीके उर्मिला  एवम बीके ज्योति

बल्लभ नगर कोटा
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7th Dec 2019: WAAH ZINDAGI WAAH BY BK E.V. GIREESH

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